Page 20 - Biotechnology newsletter 2023-24
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मरा जीवन कोरा कागज़,
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ऐसा बोलन वाल ब त ह।
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कोई बोल जदगी ह सम जसी,
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हम कहा जदगी ह एक पड़।
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हार वह पड़ जो बचपन स बढ़ापा
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झलता हो।
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तो फर वह कोई भी पड़ हो।
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भाई जदगी था वह पड़ ह जो अपनी
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मासम छोट छोट प ो और डा लय स हमार तन
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और मन को ह हसाता।
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जदगी छोट स झाड़ क तरह अपना जीवन और
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बचपन ह बताती ।
खलत खलत, टहलत टहलत अ ा फल ा त
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करन क लए कट न प र म ह करती।
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ऐस जदगी सवारत सवारत े
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डालत ह सरज ,और खलत ह चाद
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मौसम का बदलाव ह झलती......
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ऐसी ह य पहली जदगानी।
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।।व णवी तामोणकर।।
T.Y. B.Sc Biotechnology
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